लेखक: एम वदूद साजिद
हिन्दी अनुवाद : राशिद खुर्शीद
हम इतने बदतहज़ीब नहीं कि किसी की बधाइ और शुभकामनाओं को ठुकरा दें… हम तो वो लोग हैं जो कट्टर दुश्मन की एक हल्की सी मुस्कान पर भी अपना सब कुछ त्याग देते हैं… मगर हमें आपकी “ईद की मुबारकबाद” स्वीकार नहीं।
इसलिए स्वीकार नहीं कि :
1- आप ने भाजपा के बदजु़बान नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को दिल्ली का माहौल खराब करने की खुली छूट दी।
2- उन्होंने मुसलमानों के विरुद्ध ज़हर उगला लेकिन आपने कोई कार्रवाई नहीं की… माना कि आप के पास पुलिस नहीं लेकिन ग्रह विभाग और कानून विभाग तो आप के पास है ना… आप दिल्ली सरकार की ओर से उनके खिलाफ FIR करा सकते थे… आपने कन्हैया कुमार पर तो “देश द्रोही का मुक़दमा” चलाने की अनुमति दे दी लेकिन इन तीनों के खिलाफ एक FIR तक नहीं कर सके।
3- 24 फरवरी को उत्तर पूर्व दिल्ली में आप ने मुस्लिम विरोधी दंगे होने दिए… आप अबतक उस दंगे से पीड़ित लोगों से मिलने तक नहीं गए।
4- आप ने भाजपा के इस झूट को सच मान कर अपने ही एक मुस्लिम पार्षद को पार्टी से निकाल कर गिरफतार करा दिया कि एक आई बी अधिकारी की हत्या में उसका हाथ था… जब कि वो अपनी बेगुनाही साबित करता रह गया।
5- आप ने मरने वाले उस अधिकारी के घर वालों को एक करोड़ देने का एलान तो किया लेकिन जो बेगुनाह शरारती तत्वों के हाथों मारे गए उन केलिए आप के मुँह से तसल्ली के दो बोल तक ना निकल सके।
6- 16 मस्जिदों और चार दरगाहों में बुरी तरह से तोड़ फोड़ की गई लेकिन आप इनमे से किसी भी मस्जिद या दरगाह को देखने नहीं गए… यहाँ तक कि आप का कोई मंत्री भी उधर भूले भटके से नज़र नहीं आया।
7- आप की सरकार ने लुटे पिटे लोगों के लिए कोई कैंप नहीं लगवाया, ऊपर से दिल्ली वक्फ बोर्ड के द्वारा लगाए कैंपों को अपने खाते में डाल लिया।
8- लेकिन जब आप ने देखा कि वक्फ बोर्ड का चेयरमैन लगभग एक करोड़ का चंदा करके दंगे से पीड़ित लोगों की मदद करने में “हद” से आगे बढ़ गया है तो टेक्निकल ग्राउंड का बहाना बना कर आप ने उसे चेयरमैन पद से ही हटा दिया … जिसके कारण 60 तबाह हाल घराने एक एक लाख की नकद मदद से वंचित रह गए।
9- दिल्ली वक़्फ बोर्ड के इमामों की पांच महीने की तनख्वाहें कड़ी भाग दौड़ के बाद जारी की गयीं… लेकिन दरख्वास्त के बाद भी आपने उसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
10- दिल्ली वक़्फ बोर्ड के दर्जनों अस्थायी कर्मचारियों को आज तक वेतन नहीं मिल सका… चेयरमैन की कोशिश से गैर वक़्फ बोर्ड के इमामों को वेतन देने का इलेक्शन से पहले आप ने एलान किया था वो वेतन भी अटक कर रह गया… आपकी सरकार के कुछ अधिकारी खुल्लमखुल्ला भाजपा के इशारों पर वक़्फ बोर्ड को तबाही के दलदल में धकेलते चले जा रहे हैं।
11- कोरोना वायरस जैसी बीमारी को आपने तबलीगी़ जमात का सहारा लेकर मुसलामानों को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया…इस की आड़ में न्यूज़ चैनलों ने जो आतंक मचाया उसको कम करने के लिए आप ने कुछ नहीं किया… पूरे देश में आप ने मुसलमानों को निशाने पर ला खड़ा किया।
12- 30% कोरोना फैलाने के आरोप में आप ने तबलीगी़ जमात के जिन दो हज़ार लोगों को पकड़ा था, उन्हें दो महीने तक सेंट्रो में सताया जाता रहा… उनमें से अधिकतर की नकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद आप ने नहीं बताया कि कितने प्रतिशत ठीक हो गए।
13- आप ने 30% कोरोना फैलाने वालों का तो खूब ढिंढोरा पीटा लेकिन बाकी 70% किन लोगों ने फैलाया… ये आप ने नहीं बताया…।
14- दिल्ली में आप की इसी ज़हरीली राज नीति के कारण मुस्लिम सब्ज़ी बेचने वालों के साथ भेद भाव किया गया… उन्हें मारा पीटा गया… यहाँ तक कि उनकी सब्ज़ियां और फल लूट लिए गए… लेकिन आप ने ना तो उन की सुरक्षा की कोई व्यवस्था की और ना ही उनके हक़ में दो बोल बोले।
15- उत्तर पूर्व दिल्ली के मुसलमान अभी तक दंगे के सदमे से निकल नहीं पाए थे कि इस लॉक डाउन में उनपर एक और मुसीबत टूट पड़ी… नौजवानों और बच्चों को उठा लिया गया… लेकिन आप के मुँह से एक शब्द न निकला।
ऐसे में आप ही बताईये की ईद की खुशियां कौन मनायेगा…?
अभी न जाने आप के और कितने रंग देखने को मिलें. भाजपा की केंद्रीय सरकार की तरह अभी आप के पास भी अधिक समय है… आप से जो उम्मीदें लगाई थीं वो तो इन 15 घटनाओं के कारण हवा हो गईं… ऐसे में हम आप की खोखली मुबारकबाद लेकर क्या करेंगे…
वैसे भी ये ईद 60 दिनों के जान तोड़ लॉक डाउन के बाद नसीब हुई है और लोग ईद गहों में नमाज़ पढ़ने से महरूम हैं तो वो आप की मुबारकबादी स्वीकार ना करके किसी बड़े पुरस्कार से वंचित नहीं हो जाएंगे…
हम पहले ही कह चुके हैं कि हम इतने बदतहज़ीब और असभ्य नहीं हैं… हम आपको ईद की ढेर सारी बधाई देते हैं… लुटे पिटे दिलों की ओर से भावनाओं से ख़ाली ईद की मुबारकबाद…
Very good